कौन है?-
उम्र तकरीबन तीस की होगी। ठकराल का कसरती जिस्म किसी फिल्मी हीरो की टक्कर का था। माथे पर टोपी के बावजूद उसकी टाट साफ साफ नजर आ रही थी। इस्पे. ठकराल होटल में आये लोगो की क्लास ले रहा था। ठीक उसी वक्त निर्मोही के साथ आरव वहाँ पहुँच गया। आरव और निर्मोही पर नजर पड़ते ही ठकराल ने अपने आँखें फेरी। "कहिए जनाब क्या काम है? आपको किसी ने बताया नहीं कि यहाँ मर्डर हुआ है?" "हाँ मैं जानता हूँ सर, तभी तो यहाँ आपके पास आया हूँ।" "अच्छा? क्यों आए हो मेरे पास? खूनी के बारे में कुछ जानते हो?" "अरे नहीं सर, बात कुछ और है।" आरव ने दृढ़ता से कहा। "मगर इस केस से रिलेटेड है।" "फिर कहिए क्या बात है? मैं जरूर सुनना चाहूंगा।" "यह मेरी दोस्त है निर्मोही।" आरव निर्मोही की ओर इशारा करते हुए बोला, "बात जरा ऐसी है कि यहाँ जो हत्यायें हुई है उसकी जानकारी इन्हें पहले से थी।" "वह कैसे? मैं कुछ समझा नहीं।" ठकराल ने उलझन भरे भाव से कहा। "साहब, निर्मोही को डरावने सपने आते हैं। कुछ दिनों से निर्मोही एक ही सपने को बार-बार देख रही है। जिसमें एक इंसान उसे मिलन होटल के रूम नंबर 401 में मिलने आता है। और फिर वह अनजान शख्स निर्मोही को खौफनाक मौत देता है। कल रात भी उसने यही सपना देखा था। आखिरकार हम लोगों ने सच्चाई का पता लगाने होटल मिलन का कमरा नंबर 401 बुक करने की ठान ली। लेकिन रिसेप्शनिस्ट ने बताया कि 401 में एक कपल रुका था, जिसमें से लड़की को किसी ने बेरहमी से मार डाला है। तब हमें यकीन हो गया कि यह सपने वाला हादसा साधारण घटना नहीं थी।" "क्या यह बात सही है?" इंस्पेक्टर ठकराल अब निर्मोही से मुखातिब हुआ। "जी हाँ सर, आरवजी ने कहा एक एक लफ्ज़ सच है। कल रात मैने सपने में मिलन होटल के कमरा नंबर 401 में मौत का मंजर देखा था। फर्क सिर्फ इतना था कि उस लड़की की जगह पर मैं हमेशा खुद को देखती आई हूँ।" "माय गॉड! तुम्हारा कहने का मतलब है तुमने सपने में खुद तुम्हारा मर्डर होते हुए देखा है?" "हाँ सर!" निर्मोही ने संजीदगी भरी आवाज में उत्तर दिया। बुरी तरह चौका था ठकराल। उसकी आँखें बल्ब की मानिंद चमक उठी थी। "क्या बात कर रहे हो मियां! इतनी होनहार शख्सियत मेरे सामने खड़ी है जरा विस्तार से बताइए, तब जाकर मेरी खोपड़ी में कुछ उतरेगा। आपका यह कहना है कि मिलन होटल के रूम नंबर 401 में हुआ मर्डर मेम साहब ने एक दिन पहले सपने में देखा?" "एक ही बात को कितनी बार दोहराएंगे सर? मैंने वही कहा जो आपने सुना।" "बड़ी हैरानी की बात है तुम्हें नहीं लगता यह कुछ ज्यादा है?" इंस्पेक्टर ठकराल ने अपनी दाईं आँख दबाते हुए कहा। "मुझे मालूम था सर कि आप हमारी बात पर यकीन नहीं करोगे।" निर्मोही ने विकराल की आँखों में आँखें डालें कहा। हम ऊपर नहीं गए क्योंकि हम जानते हैं आपने होटल को पूरी तरह सील करवा दिया होगा। इसलिए मुझे कहने में कोई झिझक नहीं है कि मरने वाली युवती के चेहरे की चमड़ी उधेड़ ली गई है। दाई साइड पर युवती की पसलियों के पास उसके बदन में आपने एक हॉल देखा होगा। पोस्टमार्टम करवा कर देख लेना, आपको समझ जाओगे कि युवती का ह्रदय गायब है। तब जाकर आपको मेरी बात पर यकीन होगा।" "आपने तो सारा मजा ही किरकिरा कर दिया। मेरे दिमाग में खलबली मची हुई है--- कैसे? मगर कैसे हो सकता है ऐसा?" निर्मोही की बात सुनकर ठकराल ने अपने माथे के पिछले हिस्से में थपकी मारते हुए कहा, "देवा रे देवा! यह तो गजब हो गया। अब तो मुझे तुम दोनों पर भी डाउट होने लगा है। कहीं तुम दोनों मिले तो यह मर्डर प्लान नहीं किया ना?" इतना बोल कर ठकराल जोर-जोर से हंसने लगा। "हमारी बात को मजाक में मत लीजिएगा सर। कुछ होलनाक घटनाएं घट रही है। हम दोनों उस रहस्य की तह तक जाना चाहते हैं। जरूरत हो वहाँ आप भी हेल्पफुल होंगे तो किसी की जान बचाई जा सकती है।" देखो बरखुरदार अब तक तुम दोनों ने जितनी बातें बताई बिल्कुल सही है। वैसे आपके सपने वाला तुक्का मेरे दिमाग में फिट नहीं बैठ रहा था। मगर तुमने मृतक युवती के हुलिए के बारे में बता कर मुझे चारों खाने चित कर दिया है। इसलिए मैं तुम दोनों के कार्य में इंटरेस्टेड हूँ। तुम दोनों को जो कुछ जानकारी मिलती हैं मुझसे शेयर करते रहना। अब बताओ तुम दोनों क्या करना चाहते हो?" ठकराल दोनों की बात पर भरोसा कर लिया। "सबसे पहले हम मरने वाली युवती को देखना चाहते हैं।" ठीक है चलो मेरे साथ कहते हुए इस्पेक्टर ठकराल निर्मोही और आरव को मिलन होटल के रूम नंबर 401 में ले गया।कमरे में घुसते ही दोनों की नजरें डेड बॉडी पर पडी। उसका चेहरा लहूलुहान था। जैसे किसी ने नुकीले नाखूनों से उसकी चमड़ी को नोच नोच कर उधेड लिया था। उसका आधा बदन चद्दर से ढका हुआ था। दोनों को समझते देर न लगी कि युवती का शरीर पूरी तरह अनावरण है। जमे हुए लहू से दागदार हुए चेहरे पर मच्छर भिनभिनाने लगे थे।" उसका हुलिया देख कर निर्मोही भीतर तक कांप उठी। जिस तरीके से शैतान ने सपने में उसके बदन से चमड़ी उधेड रहा था ठीक उसी तरह युवती की चमड़ी उतर गई है। नाखूनों से उसके बदन को नोंचा गया है उसकी आँखों के तो बड़े-बड़े सफेद गोले नजर आ रहे थे ऐसी खौफनाक मौत ने निर्मोही को पूरी तरह हिला डाला था। क्योंकि यह वही मौत थी जो निर्मोही से रूबरू होने वाली थी। "देखा आरव, तुम मेरी बात को नहीं मान रहे थे? मैंने कहा था ना मेरे सपने का कोई तो रहस्य है। जिस तरीके से बार-बार मुझे एक ही सपना आ रहा था मैं समझ गई थी कि ऐसा ही कुछ होने वाला है।" इतना कहकर निर्मोही ठकराल की ओर घूम गई। "ठकराल सर, आपने सिक्योरिटी देख ली, कौन आया था यहाँ कुछ पता लगा?" ठकराल के चेहरे पर विवशता छा गई। "हाँ मैंने सिक्योरिटी चेक की है। सीसीटीवी फुटेज भी देखें। हैरानी की बात यह है कि उस कमरे में वह लड़की खुद अकेली आई है। और अकेली ही रही है समझ में नहीं आता फिर उसकी हत्या किसने कर दी?" ठकराल की बात सुनकर निर्मोही के चेहरे पर रहस्यमई मुस्कान दौड़ गई।
Gunjan Kamal
27-Sep-2023 08:53 AM
👏👌
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